जैसे ही नसरुद्दीन ने उसे उठाकर अपने घोड़े पर बैठाया, अहमद ने घोड़े को सरपट दौड़ाना शुरू कर दिया।
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दिग्विजय सिंह स्वयं कह चुके हैं कि अब वे केंद्रीय राजनीति करेंगे, प्रदेश में नेतृत्व नहीं करेंगे, लेकिन इस बात का पूरा प्रयास करेंगे कि यदि उनके कारण कांग्रेस सत्ता से बेदखल हुई है तो उसे वापस राजपथ की पटरी पर सरपट दौड़ाना भी उनका दायित्व है।